पिछले साल मार्च में देश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ताज़ा संबोधन में ज़ोर देकर कहा कि देश को लॉकडाउन से बचाना ज़रूरी है।
उनके ऐसा कहने के पीछे ठोस वजहें हैं, मार्च 2020 से अप्रैल 2021 के तेरह महीनों में कोविड संक्रमण की वजह से पूरा देश भारी मुश्किलों और चुनौतियों के दौर से गुज़रा है। लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करके देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिशें की गईं।
पिछले महीने तक लग रहा था कि महामारी से तबाह हुई भारत की अर्थव्यवस्था संभल रही है। इस रिकवरी को देखते हुए कई अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) ने वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की विकास दर 10 से 13 प्रतिशत के बीच बढ़ने की भविष्वाणी की थी।