लालची बुआ ने अपने भतीजे के साथ की मार पीट। मकान पर कब्ज़ा करने की कोशिश।

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    संवाददाता।
    लखनऊ।रिश्तों की अहमियत को न समझते हुए सिर्फ़ एक मकान के छोटे से हिस्से पर अवैध रूप से क़ब्ज़ा करने की नियत से लालची बुआ ने रिश्तों को शर्म सार करते हुए अपने परिवार के लोगों के साथ मिल कर अपने सगे भतीजे के साथ मार पीट कर मकान कब्जाने की कोशिश की। जब पीड़ित अपनी फ़रयाद लेकर स्थानीय पुलिस के पास गया तो पुलिस ने भी फरयादी की फ़रयाद नहीं सुनी।औऱ शिकायत सुने बगैर फरयादी को लौटा दिया।मामला थाना सआदतगंज अंतर्गत मातादीन रोड बावली चौकी के पास का है।प्राप्त सूचना अनुसार 360/279 मातादीन रोड निवासी(24) वर्षीय अंकुर गुप्ता का पुश्तैनी मकान है।जिसमें आधा भाग अंकुर गुप्ता का और आधा भाग उसके ताऊ अशोक गुप्ता का है।अंकुर अपने हिस्से में बनी हुई एक दुकान में सी सी टीवी कैमरे का व्यवसाय करता है।अंकुर की बुआ लक्ष्मी देवी ने अपनी बहन के साथ मिलकर एक झूठा मुकदमा उपरोक्त मकान के सम्बंध में दाख़िल किया था।
    जो न्यायालय अपर सिविल जज एफ० टी० सी०सीनियर डिवीज़न लखनऊ के यहाँ चल रहा है।अंकुर की बुआ लक्ष्मी देवी ने अपने बच्चों व अन्य औरतों के साथ 6 मार्च 21 को घर में घुसकर अंकुर को मारा पीटा और दुकान में तोड़ फोड़ भी की। जिससे लगभग अंकुर का एक लाख रुपये का नुकसान हुआ।जिसकी सूचना अंकुर ने सआदतगंज थाने पर दी।अंकुर की सूचना पर पुलिस ने लक्ष्मी गुप्ता, अनूप गुप्ता, शिवानी गुप्ता, माया देवी, गोलू गुप्ता, अमित गुप्ता, सचिन गुप्ता व दो अन्य व्यक्तियों के ख़िलाफ़ अपराध संख्या 48/2021 धारा आई पी सी
    147,452,323,504,506,427 के तहत मुकदमा दर्ज किया।
    फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    प्रभारी निरीक्षक पर लगा आरोप।

    अंकुर के अनुसार प्रभारी निरीक्षक सआदत गंज बृजेश कुमार यादव पुलिस कर्मियों के साथ स्वंय मौक़े पर आये और अंकुर के मकान के हिस्से में बिना न्यायालय के आदेश के स्वंय ताला बंद कर दिया ऒर चाबी लेकर चले गए।जिसकी शिकायत अंकुर ने ए० सी० पी ०बाज़ार खाला विजय राज सिंह से की अंकुर की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए ए० सी ०पी ने दोनों पक्षों को अपने कार्यालय बुला कर शिकायत सुनी और प्रभारी निरीक्षक सआदतगंज को
    आदेश दिया कि प्रार्थी अंकुर गुप्ता के मकान के हिस्से में बंद किये गए ताले की चाबी प्रार्थी को उपलब्ध कराएं।जिससे प्रार्थी अपना व्यवसाय सुचारू रूप से शुरु कर सके।इस सम्बंध में अंकुर का कहना है कि प्रभारी निरीक्षक अपने अधिकारी का आदेश भी नहीं मान रहे हैं।जब वह थाने गया तो थाने पर प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव ने उस को काफ़ी देर तक बैठाये रखा औऱ कोई बात न करते हुए टाल गए और दोबारा आने को कहा।जबकि अंकुर ने न्याय की आस में एक शिकायती पत्र स्पीड पोस्ट द्वारा पुलिस कमिशनर डी के ठाकुर को भेजा है।वहाँ से अंकुर को न्याय मिलने की उम्मीद है।

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