चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पिछले हफ्ते ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार से मुंबई में उनके आवास पर मुलाकात की। दोनों के बीच बातचीत करीब तीन घंटे चली, जिससे राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगनी शुरू हो गई थी। जाहिर तौर पर दोनों ही लोगों का लक्ष्य एक ही है- अगले आम चुनाव में भाजपा को हटाना और कांग्रेस को साधे रखना। बताया गया है कि इसके लिए शरद पवार विपक्ष की मोर्चाबंदी के लिए प्रशांत किशोर को केंद्रीय भूमिका में देखना चाहते हैं।
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर उन लोगों में से हैं, जिनकी खुद एक राजनीतिज्ञ के तौर पर कई महत्वाकांक्षाएं हैं। इसी कड़ी में उन्होंने अपने लिए बड़ा समूह भी तैयार कर लिया है। इनमें ममता बनर्जी पहले ही उनके साथ हैं और किशोर को उम्मीद है कि उनके पुराने क्लाइंट- एमके स्टालिन, जगन मोहन रेड्डी और अरविंद केजरीवाल भी जल्द ही उनके साथ शामिल हो जाएंगे। इसके अलावा कांग्रेस में किशोर से असंतुष्ट माने जाने वाले अमरिंदर सिंह के भी उनके साथ लौटने की संभावनाएं हैं। हालांकि, कहा तो ये भी जा रहा है कि किशोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी लगातार संपर्क में रहते हैं।