लखनऊ । पूर्व यूनानी निदेशक मोहम्मद शोएब कासमी का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को एसजीपीजीआई में निधन हो गया। वे वर्ष 2003 से 2009 तक राजकीय तकमील उत्तिब कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कार्यवाहक प्राचार्य के पद पर रहे। वहीं 2009 से 2012 तक कार्यवाहक यूनानी निदेशक के पद पर रहें। इस दौरान उन्होंने बिजनौर रोड स्थित कॉलेज के न्यू कैंपस का उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्हें पद पर रहते हुए और बाद में कई उपलब्धियां हासिल की, जिसमें वर्ल्ड यूनानी डे पर हकीम मोहम्मद अजमल खान अवार्ड वर्ष 2015, इमर्जिंग ट्रेंस इन द डेवलपमेंट ऑफ यूनानी सिस्टम ऑफ़ मेडिसिन 2011 समेत कई अवार्ड शामिल है।
डॉक्टर कासमी कहते थे कि डॉक्टर खुद को आधुनिक दौर की तरह बदलें। ज्यादा से ज्यादा तकनीकी और विशेषज्ञता पर ध्यान दें। जिससे मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज और सुविधाएं दी जा सके। लोगों को इस पद्धति के प्रति विश्वास दिलाना होगा। उन्हें यह लगे कि दूसरी पैथी की तरह से यूनानी पद्धति में भी बेहतर इलाज की संभावनाएं हैं।