चेस्ट काउन्सिल आॅफ इंडिया आयोजित कर रहा है कोरोना की उत्पत्ति पर महत्वपूर्ण वेबिनार डा0 सूर्यकान्त करेगें इसका संचालन

    0
    30

    कोरोना वायरस विश्व महामारी (2019-20) की शुरुआत एक नए किस्म के कोरोनवायरस (2019-दब्वट) के संक्रमण के रूप में मध्य चीन के वुहान शहर में 2019 के मध्य दिसंबर में हुई। बहुत से लोगों को बिना किसी कारण निमोनिया होने लगा और यह देखा गया की पीड़ित लोगों में से अधिकतर लोग वुहान सी फूड मार्केट में मछलियाँ बेचते हैं तथा जीवित पशुओं का भी व्यापर करते हैं। चीनी वैज्ञानिकों ने बाद में कोरोनावायरस की एक नई नस्ल की पहचान की जिसे बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसका नाम कोविड-19 रखा।
    कोरोनावायरस ने 220 देशों में दिनांक 21ध्06ध्2021 तक लगभग 18 करोड़ लोगों को संक्रमित किया है और इसकी वजह से अब तक लगभग 38 लाख लोगों की मृत्यु हो चुकी हैं। विश्व में सबसे ज्यादा अमेरिका में कोविड संक्रमण ने पैर पसारें और लोगों को संक्रमित किया। अमेरिका की कुल जनसंख्या लगभग 33 करोड़ है, जिसमें से 3 करोड़ 44 लाख कोरोना से (10.33 प्रतिशत) संक्रमित हुये तथा 6 लाख लोगों की मृत्यु हुयी। ;ीजजचेरूध्ध्ूूूण्ूवतसकवउमजमतेण्पदविध्ूवतसक.चवचनसंजपवदध्ने.चवचनसंजपवदध्द्ध
    विश्व में भारत कोरोना संक्रमण में दूसरे नम्बर पर रहा, जहां भारत की कुल जनसंख्या 135 करोड़ जिसमें से 3 करोड़ (2.15 प्रतिशत) कोरोना से संक्रमित हुये तथा 3 लाख लोगों की मृत्यु हुयी। ;ीजजचेरूध्ध्ूवतसकचवचनसंजपवदतमअपमूण्बवउध्बवनदजतपमेध्पदकपं.चवचनसंजपवदद्ध
    कोविड-19 की उत्पत्ति जहां चीन को माना जाता है, वहीं विश्व में कोविड संक्रमण के मामले चीन की जनसंख्या के आधार पर कम मिलते हैं। जबकि चीन की जनसंख्या लगभग 144 करोड़ है जो कि विश्व में सबसे ज्यादा है लेकिन वहीं चीन कोविड संक्रमण के मामले में 100वंे नम्बर पर है। जहां पर संक्रमित लोगों की संख्या 91ए604 (0.0063 प्रतिशत) है, वहीं कोविड से मरने वालों की संख्या भी केवल 4ए636 है। ;ीजजचेरूध्ध्ूवतसकचवचनसंजपवदतमअपमूण्बवउध्बवनदजतपमेध्बीपदं.चवचनसंजपवदद्ध
    आज तक यह सब रहस्यमयी प्रश्न हैं, जिसका हल अभी भी नहीं निकल पाया है।
    इस युद्ध में संलग्न अग्रणी योद्धा चिकित्सक हैं जो दिन रात इस युद्ध में अपनी जान जोखिम मै डाल कर भी मानवता को बचाने व उनके स्वास्थ्य को ठीक करने में प्रतिदिन चैबीसों घंटे, पल पल अविराम लगे हुए हैं। भारत में आज तक इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आई.एम.ए.) के आंकलन के अनुसार 1372 चिकित्सकों की मृत्यु कोविड के कारण हुयी। आई.एम.ए. ने इन सभी को कोरोना शहीद का दर्जा देने की सरकार से मांग की है।
    आज तक इस कोरोना महामारी से हुई त्रासदी के सभी तथ्यों को किसी भी मंच पर वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर नहीं रखा गया है। इस वेबिनार में इन सभी मुद्दों पर विचार विमर्श किया जायेगा।
    चेस्ट काउन्सिल आॅफ इंडिया एवं भारतवंशी रेस्पिरेटरी मेडिसिन विशेषज्ञों का एक व्हाट्सएप आधारित संगठन है। इसी के तत्वाधान में हम एक वैचारिक संगोष्ठी (वेबिनार) का आयोजन करने जा रहे हैं जिसमें वायरस की उत्पत्ति से संबंधित वैज्ञानिक सिद्धांतों, शोध एवं अनुभवो पर चिंतन मनन व संपूर्ण चर्चा की जाएगी। इस चर्चा से हम यह निष्कर्ष निकालने की उम्मीद रखते हैं की मौजूद हालत में कैसे इस समस्या का जल्द से जल्द निपटारा किया जाये एवं भविष्य में होने वाली कोरोना या अन्य ऐसे ही किसी और प्रहार से विश्व एवं भारतीयों के स्वास्थ्य की किस प्रकार की रक्षा की जाए।
    आगामी गुरुवार 24 जून रात्रि 8ः00बजे से 9ः30बजे तक प्रसिद्ध पल्मनोलॉजिस्ट इस विषय पर चेस्ट काउन्सिल आॅफ इंडिया (सीसीआई) के मंच पर एक वेबिनार प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जिसका संचालन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन- एकाडमी आॅफ मेडिकल स्पेसिलिटीज (आई.एम.ए.-ए.एम.एस.) के राष्ट्रीय वायस चेयरमेन तथा केजीएमयू, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त करेगें।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here