कोरोना वारियर भी रखें अपना ख्याल

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    कोरोना जैसी आपदा के समय संक्रमितों के इलाज व देखभाल में जुटे फ्रंटलाइन वारियर्स को भी अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखना बहुत जरूरी है ताकि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को सेहतमंद बनाने के साथ ही उनको नई जिन्दगी दे सकें । इलाज में जुटे चिकित्सक, नर्स, आशा, एएनएम, लैब टेकनिशियन, एम्बुलेंस के कर्मचारी व अन्य इस वक्त अपने घर-परिवार के साथ ही खुद की परवाह किये बगैर कई-कई दिन लगातार ड्यूटी कर रहे हैं । ऐसे में मनोबल ऊँचा रखने और तनाव से बचने के लिए जरूरी है कि वह भी समय-समय पर अपनी भी देखभाल का ख्याल जरूर रखें क्योंकि इस समय उनका स्वस्थ होना बहुत ही जरूरी है । यह कहना है किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. सूर्यकान्त का । उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए हैं जिसको अपनाकर फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स अपने को चुस्त-दुरुस्त रखने के साथ दूसरों को सुरक्षित कर सकते हैं ।
    दिनचर्या का पालन करें: ड्यूटी के मुताबिक वह अपनी एक दिनचर्या अवश्य तय कर लें ताकि लम्बे समय तक कोरोना के खिलाफ चलने वाली जंग में अपना सक्रिय योगदान दे सकें । अनियमित दिनचर्या के चलते हमेशा थकान और ऊबन महसूस कर सकते हैं, जिसका सीधा असर उनके जिम्मेदारी पूर्ण कार्य पर पड़ सकता है ।
    पर्याप्त नींद है जरूरी: लम्बे समय तक बेहतर परिणाम देने के लिए जरूरी है कि फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स 6-7 घंटे की नींद अवश्य लें ताकि वह शारीरिक थकान दूर करने के साथ ही मानसिक सुकून प्राप्त कर सकें।
    रिश्तेदारों दोस्तों के संपर्क में रहें: जब भी वक्त मिले तो अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को फोन मिला लीजिये और कुछ समय के लिए कोरोना से इतर कुछ बातें कीजिये । ऐसा करने से तनाव की जद में आने से अपने को बचा सकते हैं।
    शौकिया गतिविधियों से जुड़ें: पेशे से इतर जो भी शौक हैं, जैसे- संगीत सुनना या नृत्य करना, किताबें पढ़ना, फिल्म देखना, बागवानी करना, खाना बनाना आदि तो कुछ वक्त इन गतिविधियों पर भी दे सकते हैं। यह गतिविधियाँ वर्तमान विषम परिस्थितियों से उबारने में मददगार साबित हो सकती हैं ।
    नियमित व्यायाम और प्राणायाम: लम्बे समय तक पूरी चुस्ती-फुर्ती के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए जरूरी है कि प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे व्यायाम अवश्य करें । ध्यान-प्राणायाम से सारे तनाव दूर हो सकते हैं। सामान्य रूप से जब हम सांस लेते हैं तो आधा लीटर सांस लेते हैं जबकि प्राणायाम के दौरान हम इससे कई गुना सांस लेते हैं, जिससे हमारे शरीर में ऑक्सीजन की अधिक मात्रा जाती है और हमारे शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ बनाती है।
    स्वस्थ आहार: इसमें हरी सब्जियां व फल आवश्य शामिल करें। बाजार के खाद पदार्थों व फास्ट फूड से बचें। गुनगुना पानी, काढ़ा, हर्बल टी और दूध में हल्दी मिलाकर पीना भी लाभकारी साबित हो सकता है।
    धार्मिक एवं आध्यात्मिक गतिविधियों से जुड़ें: कुछ वक्त पूजा-पाठ, इबादत व अरदास में लगाएं, इससे मन को सुकून मिलेगा और हर जंग को सफलतापूर्वक जीतने का साहस भी बढ़ेगा । कुछ भी मुसीबत आने पर एक बल मिलेगा की कोई है जो हर संकट से उबार लेगा ।
    अपनों के लिए भी निकालें समय: कोरोना के खिलाफ जंग लम्बी चलनी है, इसलिए बीच-बीच में अपनों के लिए भी समय निकालें और उनसे बात करें और एक-दूसरे का दुःख-दर्द समझने का प्रयास करें। परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिल बैठकर मनोरंजन करें व एक दूसरे की प्रतिभाओं को पहचाने। इस तरह कुछ छोटी-छोटी तरकीब से आप इस मुश्किल वक्त से खुशी-खुशी पार पा सकते हैं ।
    कोई दबाव महसूस हो तो खुलकर करें बात: इन विषम परिस्थितियों में अगर काम को लेकर या कैरियर को लेकर किसी भी तरह का दबाव महसूस कर रहें हैं तो अपने साथियों से खुलकर बात करिए और यकीन मानिए कोई न कोई हल अवश्य निकाल आएगा । यदि लम्बे समय तक उसे लेकर चिंतित रहते हैं तो उसका असर आपके स्वास्थ्य के साथ काम पर भी पड़ सकता है ।

    डॉ. सूर्यकान्त
    विभागाध्यक्ष,
    रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग,
    के0जी0एम0यू0, लखनऊ

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