प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की जनता के नाम एक पत्र लिखकर अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि वह बिहार के विकास और सुशासन के लिए निर्णय पर विश्वास और विश्वास बनाए रखने के लिए एनडीए के संकल्प के बारे में बात करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह बुजुर्गों गरीबों या किसान हर तरह के लोगों का आशीर्वाद लेने के लिए वह सामने आ रहे हैं उन्होंने कहा कि बिहार में लोकतंत्र की पहली कोपल फूटी ज्ञान विकास शास्त्र अर्थशास्त्र हर प्रकार से बिहार संपन्न रहा है।
सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के नारे पर चलते हुए हमारी सरकार बिहार के गौरवशाली अतीत को फिर से स्थापित करने के लिए कटिबद्ध है उन्होंने कहा कि पूरा फोकस बिहार के विकास पर केंद्रित है। एन डी ए ने पहले भी जो कार्य किए हैं उसका हमने रिपोर्ट कार्ड पेश किया और जनता के सामने हमने अपना विजन भी रखा है और बिहार की जनता को भी यह मालूम है कि बिहार का विकास सिर्फ एनडीए सरकारी कर सकती है उन्होंने कहा कि बिहार में बिजली पानी शिक्षा कानून व्यवस्था क्षेत्र में बहुत काम किया है अब मूल आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद यह दशक बिहार की आकांक्षाओं की पूर्ति का होगा। हम गरीब को पक्का कर देना हो चाहे शौचालय बनाना हो चाहे जल की व्यवस्था कराना हो चाहे बिजली की बात हो या गैस कनेक्शन की बात हो सब बिहार वासियों के वोट की ताकत से ही संभव हो पाया है।
उन्होंने पत्र में खासतौर से इस बात को भी लिखा कि बिहार में वोट पड़ रहा है जात पात पर नहीं विकास पर झूठे वादों पर नहीं पक्के इरादों पर कुशासन पर नहीं सुशासन पर भ्रष्टाचार पर नहीं ईमानदारी पर अवसरवादिता पर नहीं आत्मनिर्भरता पर।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि डबल इंजन की ताकत इस दशक में बिहार को विकास की नई ऊंचाई पर पहुंच आएगी।