लखनऊ 10 फरवरी को हुई थी पीस पार्टी की स्थापना।
सम्प्रदायिक ताकतों पर लगाम लगाने के लिए पीस पार्टी का सरकार में होना ज़रूरी है।
सरकार में हिस्सेदारी से मुसलमानों को उनका हक मिलेगा।
इतिहास पढ़ लीजिए ज़ालिम हमेशा रहेगा और पीस पार्टी इनसे हमेशा लड़ती रहेगी।
थोड़ा वक्त ज़रूर लगेगा लेकिन हम ज़रूर कामयाब होंगे।
आज सारे मसलक के धर्मगुरु हमारे साथ है।
महिला धर्मगुरु भी आज राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है।
मैं सभी पार्टियों से कहना चाहूंगा कि पीस पार्टी को समर्थन करें।
बीजेपी खुद आंदोलनजीवी पार्टी रही है।
प्रधानमंत्री पर देशवासियों को भरोसा नही है।
मुसलमानों को प्रदेश में भ्रमित किया जा रहा है।
हमने समाजवादी पार्टी के साथ दोस्ती की थी।
2022 में चुनावों में हम चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी पीस पार्टी का सहयोग करे।
विधानसभा चुनावों पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।