डॉ सैयद कल्बे सादिक की बताई बातों पर अमल करना और उनके द्वारा बनाए गए इदारों की हिफाजत करना ही सच्ची श्रद्धांजलि है। सैय्यद तक़वी

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    उम्मे रबाब इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड एजुकेशन (यूरिट इंस्टीट्यूट , लखनऊ) के संस्थापक एवं निदेशक सैय्यद एम अली तक़वी ने डाक्टर कल्बे सादिक साहब के निधन पर शोक प्रकट किया और कहा कि डॉ सैयद कल्बे सादिक साहब एक शख्स नहीं बल्कि एक शख्सियत थे। अपनी जिंदगी में उन्होंने जो काम किए या जो कारनामे अंजाम दिए ऐसा करना इतना आसान नहीं होता है। सदियों में कोई एक ऐसा शख्स पैदा होता है जो इस तरीके से काम करता है जैसे डॉ सैयद कल्बे सादिक साहब ने किया।
    ऐरा मेडिकल यूनिवर्सिटी, हिज़ा अस्पताल, यूनिटी कॉलेज, यूनिटी मिशन स्कूल, टीएमटी, टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर, रोशनी हॉस्टल और अलग-अलग शहरों में गरीब बच्चों के तालीम के लिए जो काम डॉक्टर सादिक साहब ने किया उसे भुलाया नहीं किया जा सकता है।
    सैय्यद तक़वी ने कहा कि डाक्टर कल्बे सादिक साहब को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि लोग उनकी बातों को याद रखें और उस पर अमल करें।
    सैय्यद तक़वी ने कहा कि डॉक्टर साहब साहब जो स्कूल संस्थाएं अस्पताल छोड़ कर गए हैं उनके बाद जो लोग उसको संभालेंगे उनको चाहिए कि इस तरीके से काम करें कि लोगों की जुबान पर बस यही सदा रहे कि यह डॉक्टर कल्बे सादिक साहब की संस्था है।

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