ईद-उल-अज़ा के अवसर पर सरकारी दिशानिर्देश और डॉक्टरों की सलाह का पालन किया जाए। मौलाना कल्बे जवाद नक़वी

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    लखनऊ,27 जुलाई : मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के महासचिव, इमामे जुमा मौलाना कलबे जवाद नकवी ने ईद-उल-अज़हा के अवसर पर लोगों से अपील करते हुए कहा कि ईद-उल-अज़हा के शुभ अवसर पर सभी मुसलमानों को सरकार के दिशानिर्देशों और डॉक्टरों की सलाह का पालन करते हुए कुर्बानी का फरीज़ा अंजाम देना चाहिए। मौलाना ने अपने बयान में कहा कि पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के कारण सबसे कठिन दौर से गुज़र रही है, हमारा देश भारत भी इस खतरनाक वायरस से प्रभावित है और कोरोना रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इसलिए, मुसलमानों को सरकारी दिशानिर्देशों और डॉक्टरों की सलाह का पालन करना चाहिए और सभी संभावित सावधानियाॅ बरतनी चाहिएं ताकि वह स्वयं इस घातक महामारी से सुरक्षित रहें और दूसरों के लिए भी ख़तरा साबित न हों।
    मौलाना ने कहा कि अगर कुर्बानी के लिये जानवर उपलब्ध ना हों, या किसी अन्य कारण से इस साल कुर्बानी संभव ना हो तो उस पैसे से ग़रीबों और जरूरतमंदों की मदद की जाए, यह कुर्बानी का बदल तो नही हो सकता मगर इस महामारी के दौर में अल्लाह की ख़ुशनुदी हासिल करने का बहतरीन तरीक़ा है। मौलाना ने कहा कि कुर्बानी के लिए सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश का पालन किया जाना चाहिए, कुर्बानी सून्नत -ए-मोआकिदा है और जान की हिफाज़त वाजिब है, क्योंकि लापरवाही से केवल हम खुद बीमार नही होते हैं,दूसरों के जीवन के लिए भी खतरा बन सकते हैं। मौलाना ने ईद उल अज़हा के अवसर पर मस्जिदों में जमात के लिये ना जायें और घर पर व्यक्तिगत रूप से नमाज़ अदा करें।
    मौलाना ने आगे कहा कि जिन राज्यों में सरकार ने घोषणा की है कि मुसलमानों को प्रतीकात्मक कुर्बानी करना चाहिए, यह पूरी तरह से गलत है क्योंकि इस्लाम में प्रतीकात्मक इबादत की जगह नहीं है।इबादत इसलाम के बताए हुए नियम के अनूसार ही सही हो सकती है,वरना इबादत सही नही होगी। इसलिए जिन राज्यों में ऐसी घोषणाएं की गई हैं, उन पर राज्य सरकारें पुनर्विचार करें और कुर्बानी के फरीज़े की अदायगी को सुनिश्चित करें।
    ईद-उल-अज़हा की नमाज़ 1 अगस्त को दोपहर 11 बजे दिन में ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। लोग अपने घरों में फुरादा की नियत के साथ नमाज़ अदा कर सकते है। ऑनलाइन नमाज़ मौलाना कलबे जवाद नकवी आदा करायेंगे।नमाज़ को मजलिसे उलेमाए हिंद के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर हुसैनी चैनल के माघ्यम से प्रसारित किया जायेगा।

    जारी कर्ता कार्यालाय: मजलिसे उलेमाए हिंद, लखनऊ

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