अगर कोई नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन करता है तो उसे गद्दार या राष्ट्रद्रोही नहीं कहा जा सकता। द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने यह बात कही है। अदालत ने महाराष्ट्र के बीड में विरोध प्रदर्शन की अनुमति के मामले में एडीएम के आदेश को पलटते हुए कहा है कि किसी को सिर्फ इसलिए राष्ट्रद्रोही नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह किसी कानून का विरोध करना चाहता है। बीड में रहने वाले 45 वर्षीय इफ्तिख़ार शेख ने बीते महीने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने के लिए पुलिस से इजाज़त मांगी थी। एडीएम के एक आदेश के हवाला देते हुए पुलिस ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके बाद इफ्तिख़ार ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था।