23 मार्च 2020 मौलाना सैयद सैफ अब्बास ने एक बयान में कहा कि सभी लोगों को बकरईद से संबंध मे सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश का पालन करना चाहिए। चूंकि फिकही, शरई और धार्मिक दृष्टिकोण से जीवन की सुरक्षा और डॉक्टर की राय का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण है।
मौलाना सैयद सैफ अब्बास ने बकरईद में जानवरों की कुरबानी के बारे में बताते हुए कहा कि जहां तक बकरईद का सवाल है, जिसमें जानवरों की कुरबानी की जाती है, यह कुरबानी एक सुन्नत कार्य है जिस पर ज़ोर दिया गया है। इस समय कोरोना की महामारी हर दिशा में फैल हूई है। यदि जानवरों की कुरबानी के लिए जानवर नही मिलता है तोतो अल्लाह बेहतर जानने वाला है। भगवान आप की नियत/इरादे पुण्य देगा। जहां तक सदका और पुण्य का सवाल है, यह किसी भी समय दिया जा सकता है। गरीबों की मदद की जा सकती है। कुरबानी का सवाब और पुण्य अलग है, सदका और पुण्य का मुद्दा अलग है। इसके अलावा, बकरईद की नमाज़ का सवाल भी उसी तरह से है जैसे कि नमाज़ मुस्तहब है। इसे घर पर रहकर पढ़ा जा सकता है और इसे अकेले अकेले भी पढ़ा जा सकता है। लोगों को में मस्जिद में जाने और नमाज अदा करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि जब अल्लाह बीमारी के डर से अनिवार्य पूजा छोडवा़ सकता है तों, बकरईद की नमाज़ मुस्तहब कार्य है।