लखनऊ दिनांक 22 जुलाई 2020 राजा झाऊलाल सद्भावना मिशन के संस्थापक डॉ अनूप श्रीवास्तव प्रवक्ता अली मीसम ने एक संयुक्त बयान के जरिए अपील की है की लखनऊ सिटी स्टेशन स्थित रिफा-ए-आम क्लब ,जिसकी संगे बुनियाद हिंदुस्तानियों से अंग्रेजों की नफरत की वजह से रखी गई थी। क्योंकि अंग्रेजों के स्पोर्ट कोर्ट, क्लबों में हिंदुस्तानियों का आना वर्जित था। हिंदुस्तानियों से प्रेम करने वाले नवाबी-तालुकेदारो ने मिलकर इस ऐतिहासिक इमारत का निर्माण कराया। जिसमें बैडमिंटन कोर्ट, टेनिस कोर्ट व हिंदी भाषियों को जोड़ने के लिए हिंदी लाइब्रेरी का इंतजाम किया। इस स्पोर्ट्स क्लब से अनेकों हिंदुस्तानियों ने पूरी दुनिया में इस हिंदुस्तानी क्लब का नाम रोशन किया।
वही हिंदी भाषियों को आपस में जोड़ने के लिए विश्व प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद्र का प्रथम अधिवेशन यही पर हुआ । जैसा की सभी जानते हैं कि हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1920 में अवध ख़ासकर लखनऊ के लोगों को अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंकने के लिए खड़े होने की अपील की ।बड़े दुख के साथ कहना पड़ता है, कि अंग्रेजी हुकूमत तो इस क्लब के निर्माण व हिंदुस्तानी लोगों के स्पोर्ट्स टैलेंट को दुनिया के सामने लाने व हिंदी भाषियों को आपस में जोड़ने से न रोक पायी। देश आज़ाद होने के पश्चात तब से अब तक की सरकारों ने ऐसे ऐतिहासिक इमारत से अपना मुंह क्यों मोड़ रखा है। यह सवाल हर लखनऊ वासी के होठों पर रहता है ।आज हमारा कर्तव्य बनता है कि हम इस जर्जर इमारत को बचाने के लिए अपने स्तर से शांतिपूर्वक तरीके से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, केंद्रीय पर्यटन मंत्री ,लखनऊ के सांसद देश के रक्षा मंत्री देश के प्रधानमंत्री व माननीय राष्ट्रपति तक अपनी आवाज पहुंचाएं। आप की अनदेखी से इस ऐतिहासिक इमारत के जमींदोज होने के बाद हम अपने बच्चों को क्या जवाब देंगे। जरा सोचिए।