15 मई 2020 कोरोना वायरस की महामारी से मध्य-पूर्व में ईरान सबसे बुरी तरह प्रभावित देश है। कोरोना वायरस के संकट की वजह से तेल की कम हुई खपत और अमेरिकी प्रतिबंधों ने मिलकर ईरान की मुद्रा की हालत पस्त कर दी है।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ईरान की मुद्रा रियाल बेहद कमजोर हो गई है। फॉरेन एक्सचेंज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, अनाधिकारिक बाजार में ईरान की मुद्रा में सितंबर 2018 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट आई है।
वेबसाइट बॉनबास्ट.कॉम के मुताबिक, एक अमेरिकी डॉलर के बदले 1,70,000 रियाल देने पड़ रहे हैं। हालांकि, ईरान के केंद्रीय बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, आधिकारिक बाजार में एक डॉलर की कीमत 42,000 रियाल है।
ईरान की मुद्रा मटियामेट, 1 डॉलर के लिए देने पड़ रहे 1.70 लाख रियाल।
मई 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम कसने के लिए बहुपक्षीय परमाणु डील को रद्द कर दिया था और ईरान पर कड़े प्रतिबंध थोप दिए थे। अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से ईरान को दूसरे देशों को अपना तेल बेचना मुश्किल हो गया। ईरान के तेल के प्रमुख आयातक देश भारत ने भी उससे तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया।